पटकथा
लेखन एक चरणबद्ध प्रक्रिया है। इसके कुछ मौलिक सिद्धांत हैं, जिसे जानना जरूरी है। कहानी या कथा किसी की भी हो सकती है। एक पटकथाकार केवल उस कहानी या कथा को एक निश्चित उद्देश्य यानी फिल्मों के निर्माण के लिए लिखता
है, जो पटकथा (Screenplay) कहलाती
है। और दूसरी ओर एक कथाकार स्वयं पटकथाकार
भी हो सकता है यानी कहानी भी उसकी और पटकथा भी उसी की। सवाल है कि पटकथा लेखन के
सिद्धांत क्या हैं? यह कैसे लिखें? क्या लिखें और क्या न लिखें? एक फ़िल्मी कथानक का बीजारोपण कैसे होता है, इसका
प्रारूप कैसा होता है? इसे निम्नानुसार समझाया जा सकता हैं। यह आलेख रचनाकार ई-पत्रिका में प्रकाशित है आगे पढने के लिए इस लिंक पर जाए - http://www.rachanakar.org/2017/02/blog-post_86.html
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