रविवार, 17 मार्च 2013

लघु आलेख - एक लडका एक लडकी, हद हो गई

8 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

Unknown ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन आलेख.राजेंद्र जी के ब्लॉग से ये लिंक मिला.

साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदे ने कहा…
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साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदे ने कहा…

आपको दोनों अलेख पसंद आए चलो लिखना सार्थक होने का एहसास प्राप्त हुआ। आगे इसी तरह मुलाखात होती रहेगी।

साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदे ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Rajendra kumar ने कहा…

बहुत ही सार्थक आलेख हैं,इन आलेखों को सुचना देने के लिए धन्यबाद वरना वंचित रह जाता इन आलेखों से.comments word verification कभी कभी परेशानी करते हैं.

साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदे ने कहा…

राजेंद्र जी आपको आलेख पसंद आए, धन्यवाद। और खुशी इस बात की हुई कि अपने विचार मिल रहे हैं। आपके द्वारा भेजी गई आयुर्वेदिय जानकारियां अत्यंत उपयोगी होती है। स्नेह बनाएं रखे। टिप्पणी शद्ब सत्यापन हटा दिया है पर सफलता से हटा पाया या नहीं समझ में नहीं आ रहा है।

साहित्य और समीक्षा डॉ. विजय शिंदे ने कहा…
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