वीरेंद्र जैन ने लेखकीय और प्रकाशन जगत् की वास्तविकताओं इस किताब में सामने रखा है। 'रचनाकार' ई-पत्रिका में प्रस्तुत समीक्षा प्रकाशित हो गई है उसकी लिंक आपके लिए दे रहा हूं - पुस्तक समीक्षा - शब्द-बध - डॉ. विजय शिंदे - वीरेंद्र जैन का 'शब्द-बध' विचार-पुनर्विचार
प्रस्तुत आलेख वेब वार्ता से प्रकाशित हुआ है उसकी लिंक आगे दे रहा हूं - पुस्तक समीक्षा: शब्द-बध - WebVarta | ncr news ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें