‘अध्यापकों
की भूमिका और दायित्व’ - जिस देश के भीतर ताकतवर और इमानदार अध्यापक
है उस देश का भविष्य उज्ज्वल रहेगा। उसके विकास की गति बिना अवरोध बढ़ती जाएगी। यह
अपनी पीठ ठोंकना नहीं है। हमारे देश में गुरुओं की लंबी परंपरा है और उन्हें सम्मान
भी हैं। इतिहास कुछ अलग बयां करता है और वर्तमान कुछ अलग है। आज अध्यापकों की
भूमिकाएं और दायित्व वे नहीं हैं जो इतिहास में थे। शिक्षा व्यवस्था बदली, उसकी
मांग और प्रयोजन बदले... तो विद्यार्थी, अध्यापक और समाज भी बदला। अध्यापक का
मान-सम्मान और प्रतिष्ठा घटती गई अब वह दोस्त की धरातल पर उतर चुका है। इसी पर
प्रकाश डालता आलेख ‘अध्यापकों की
भूमिका और दायित्व’ रचनाकार ई-पत्रिका में प्रकाशित है, आपके लिए यहां उसकी
लिंक दे रहा हूं। आगे पढ़ें: अध्यापकों की भूमिका और दायित्व
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