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रविवार, 31 मार्च 2013
बुधवार, 27 मार्च 2013
मंगलवार, 26 मार्च 2013
साहित्य, लेखक और समीक्षक
आलेख - साहित्य, लेखक और समीक्षक
आगे पढ़ें: रचनाकार: विजय शिंदे का आलेख - साहित्य, लेखक और समीक्षक http://www.rachanakar.org/2013/03/blog-post_5696.html#ixzz2OiI4hk13
स्थायित्व हेतु सम्मान दांव पर लगाती 'पिछले पन्ने की औरतें'
पुस्तक समीक्षा - पिछले पन्ने की औरतें
स्थायित्व हेतु सम्मान दांव पर लगाती‘पिछले पन्ने की औरतें’
आगे पढ़ें: रचनाकार: पुस्तक समीक्षा - पिछले पन्ने की औरतें http://www.rachanakar.org/2013/03/blog-post_2280.html#ixzz2OiHBu5GJ
स्त्री अधिकार एवं स्वतंत्रता की पैरवी
आलेख - स्त्री अधिकार एवं स्वतंत्रता की पैरवी
आगे पढ़ें: रचनाकार: विजय शिंदे का आलेख - स्त्री अधिकार एवं स्वतंत्रता की पैरवी http://www.rachanakar.org/2013/01/blog-post_6447.html#ixzz2OiE0yLai
शिक्षा, धर्म और नैतिकता
विजय शिंदे का आलेख - शिक्षा, धर्म और नैतिकता
आगे पढ़ें: रचनाकार: विजय शिंदे का आलेख - शिक्षा, धर्म और नैतिकता http://www.rachanakar.org/2013/01/blog-post_24.html#ixzz2OeouvVf8
विवेकी राय के साहित्य में नारी शिक्षा
आलेख - विवेकी राय के कथा साहित्य में नारी शिक्षा
आगे पढ़ें: रचनाकार: विजय शिंदे का आलेख - विवेकी राय के कथा साहित्य में नारी शिक्षा http://www.rachanakar.org/2013/03/blog-post_3790.html#ixzz2Oei60DdC
मंगलवार, 19 मार्च 2013
कविता - सूरसागर
सूरसागर
सूर ने कृष्ण को बांधना चाहा।
कृष्ण तो कृष्ण ही था।
अब तक जैसे था वैसे ही रहा।
हवा के लहरों से झूला झूले।
सूर का मन कृष्ण के
वात्सल्य, विरह और भक्ति में डोले।
कृष्ण के विरह में
गोप-गोपियों के आंखों से पानी बहे।
वैसे-वैसे सूर विरह व्यथा वाणी से कहे।
गोप-गोपियों की विरह व्यथा देख।
आंसू पलकों से ढले।
सूर के भी वाणी और आंखों से सूरसागर निकले।
विरह के आंसुओं से झरना फूटा।
कृष्ण भक्ति का सागर नहीं आटा।
विरह-भक्ति को आंखें बंद करके पीया।
फिर भी पूरा हृदय में नहीं समाया।
सूर ने कृष्ण को बांधना चाहा।
कृष्ण तो कृष्ण ही था।
अब तक जैसे था वैसे ही रहा।
सूर चाहते थे कृष्ण को पाना।
कृष्ण भक्ति में 'सूरसागर' बना।
रविवार, 17 मार्च 2013
निरक्षरता से... मुक्ति तक का अद्भुत सफर
आलेख - निरक्षरता से... मुक्ति तक का अद्भुत सफर
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महात्मा गांधी के अर्थनीति की प्रासंगिकता
आलेख - महात्मा गांधी के अर्थनीति की प्रासंगिकता
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लघु आलेख - एक लडका एक लडकी, हद हो गई
दो लघु आलेख - एक लड़की एक लड़का, हद हो गई
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